शनिवार, 11 जुलाई 2015
शनिवार, 4 जुलाई 2015
Corruption free INDIA
Haii friends, आज में फिर अपना एक ब्लॉग लिखने जा रही हुँ । जो है भ्रष्टाचार के उप्पर। क्यों हमारे देश में भ्रष्टाचार इतना बड़ा मुद्दा बन गया है? जिसके लिए अन्ना आंदोलन होता है। उस आंदोलन में एक बुजर्ग इंसान को इतने दिन तक भुखा रहना पड़ता है। फिर उसके बाद, इसी मुद्दे पर एक नई राजनैतिक पार्टी का निर्माण होता है। और वो इसी मुद्दे पर चुनाव जीत भी जाती है। आखिर कब हम सब इतने भ्रष्ट हो गए, की किसी व्यकति को इसके लिए आंदोलन करना पडा ? कब हमारे अंदर भ्रष्टाचार इस हद तक चला गया की हमे महसूस ही नहीं होता की हम भ्रष्ट हो गए है। ? यह तमाम सवाल है। जो मुझे परेशान करते है। हम ,क्यों नहीं समझ पा रहे है की भ्रष्टाचार एक दीमक के सामान है जो लकड़ को इस हद तक खोखला कर देगा जिससे बहार आना मुश्किल हो जायेगा। पर कुछ भी हो यदि इस मुद्दे पर कोई राजनैतिक पार्टी चुनाव जीतती है। तो इसका मतलब साफ़ है की हम भ्रष्टाचार मुक्त भारत चाहते तो है पर कैसे होगा इस भ्रष्टाचार मुक्त भारत का निर्माण। जब तक पैसा खिलाओ नहीं तब तक कोई काम होता नहीं। और इस पैसे के बल पर आप कोई भी काम करा लो सही भी गलत भी। पैसा उप्पर से निचे इतनी जगह जाता है की कोई इसके खिलाफ बोलने तक को राजी नहीं। पर में इन सब से ज्यादा यह सोचती हुँ कि हमारे अंदर की इंसानियत मर गयी है क्या ? क्या हम नहीं जानते जिन लोगो से हम पैसा वसूलते है। वो लोग गरीब लोग है। जो दिन रात मेहनत कर, कर अपनी दो वक्त की रोटी का इंतज़ाम करते है। और हम उन्ही लोगो से पैसे वसूलने के लिए अपने पद का दुरुपयोग करते है।
शर्म नहीं आती हमे, जिन लोगो की दिन रात की मेहनत की वजह से सरकार हमे तनखा दे पाती है। उन्ही लोगो का काम करने के लिए हम उन्से पैसा वसूलते है। जिस पद का उपयोग हमे समाज सेवा के लिए करना चाहिए उसी पद का उपयोग हम भ्रष्टाचार करने के लिए करते है। और मेरी नजर में तो कोई समाज सेवा भी नहीं कर रहे आप ,एक काम कर रहे है। जिसके लिए सरकार आपको तनखा देती है। और इसके बावजूद यदि आप पैसा वसूलते है तो यह कहा तक सही है।
हमने अपनी आत्मा का सतर क्यों इतना निचे गिरा दिया है। की हमे सही और गलत का फर्क ही नहीं महसूस होता। हमे यह दिखाई नहीं देता की जिस पैसे का उपयोग हम अपने लालच के लिए कर रहे है वास्तव में उस पर किसी और का हक़ है जितना मर्जी गलत ढंग से धन संचय कर लो कोई संतुष्टि नहीं मिलने वाली ,उल्टा हालत ख़राब ही होंगे। गलत ढंग से कमाया गया धन न तो सुकून देगा और ना इज़्ज़त। यह तो बस आपको कुछ दिन एक झूठी शोहरत देगा और ऐसे धन का उपयोग आपफे बच्चे सिर्फ गलत काम के लिए करेंगे। और वो बिगड़ जायेंगे। और फिर आप एक दिन पछताँगे की मैंने यह गलत काम क्यों किया। पर शायद तब तक बहुत देर हो चुकी होगी। एक कहावत है ना ; अब पछतावत क्या होत जब चिड़िया चुग गयी खैत ; इसलिए समय रहते संभल जाइये।
लालच का कोई अंत नहीं है। आज जितना आपके पास है कल आपका लालच और बढ़ेगा और उसके बाद और ,और एक दिन आप अपने आप को एक ऐसे दल -दल में फास्ते चले जायेंगे। जिसे तब बहार निकलना सम्भव ना हो। पर अभी संभव है जब जागो तब सवेरा।
SO Please आप लोगो से मेरी हाथ जोड़कर प्राथना है अपनी अंतर आत्मा की आवाज सुने और रिश्वत लेना बंद करे। और जो लोग रिश्वत देते है उन्से भी मेरी हाथ जोड़कर प्राथना है। कि हर सम्भव कोशिश करे अपना काम बिना रिश्वत दिए करा ने का।
हमारी ईमानदारी हमारी पहचान है जो दूर तक ले जायगी हमे ,लालच को छोड़ एक भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाइये। जिस पर आप और हम गर्व कर सके जिसके शुरआत होती है। आपसे और मुझसे। हम सब अपनी अपनी गारंटी तो ले सकते है न , ना रिश्वत लेंगे न रिश्वत देंगे। आज हमे अपने आप से एक Promise करना होगा की हम किसी भी पद पर पहुंच जाये रिश्वत ना लेंगे ना देंगे। अपना उत्तरदायित्व सम्पूर्ण जिम्मेदारी से निभांगे।
तब हमे और हमारे जैसे किसी व्यक्ति को इतने दिन तक भूखड़ताल नहीं करनी पड़ेगी। और जो लोग भ्रष्टाचार करते है। वो लोग एक दिन बिना खाना खाए रेह्कर देखे। कितना पीड़ादायक है यह सब। अपने बच्चो को एक बेहतर कल देकर जाइए , भ्रष्टाचार मुक्त भारत देकर जाइये।
जय हिन्द
जय भारत
सदस्यता लें
संदेश (Atom)