बुधवार, 19 अगस्त 2015
गुरुवार, 13 अगस्त 2015
EK KHAT HINDU MUSLMAAN EKTA KE NAAM
haii friends में आज फिर अपना एक ब्लॉग लिखने जा रही हुँ ,जो हिन्दू मुसलमान एकता के बारे में है मुझे समझ में नहीं आता क्यों लड़ते रहते है हम? आपस में, वो भी ऐसी छोटी- छोटी बातो के लिए जिसका कोई वजूद नहीं है। मुझे बहुत दुःख होता है जब कोई हिन्दू भाई, मुसलमानो की बुराई करता है। क्यों करता है मेरी समझ से परे है मेरी आत्मा पेरशान हो उठती है जब कोई कहता है मुसलमानो को पाकिस्तान भेज देना चाहिए। क्यों भी ?उनका भी इस मुल्क पर उतना ही हक़ है जितना की हमारा, हमारे देश पर।
हमारा देश एक धर्म निरपेक्ष देश है। उस देश में आखिर ऐसी प्रतिक्रिया ही क्यों ?क्यों हम हर धर्म के लोगो को स्वीकार नहीं कर पाते।
एकता में अनेकता ,और अनेकता में एकता ,यही तो हमारी U.S.P है कब हम समझेंगे के जिस देश पर जितना हक़ हमारा है उतना ही हक़ हर धर्म के शख्स का है कोई भी शख्स पहले भारत वासी है बाद में कुछ और।
बहुत कुछ दिया है मुसलमानो ने इस देश को ,तीन महान Actor आज के दौर के ,जिनकी शायद ही कोई Picture flop होती हो। सलमानखान ,शाहरुख खान, और आमिर खान। मुझे समझ में नहीं आता क्या इन लोगो की picture सिर्फ मुसलमान भाई देखने जाते है ?नहीं ना, हर वो शख्स इनकी picture देखने जाता है जो इनके Talent से और इनकी मेहनत से प्यार करता है फिर क्यों कुछ लोग लड़तै है और कहा यह सोच पनपती है की किसी के खान होने से उसके साथ भेदभाव किया जायेगा।
मैने एक बहुत अच्छी line पढ़ी थी। की हिन्दू मुस्लिम भाई -भाई ,पर हम कहते तो है पर मानते नहीं है , मानते होते तो कहते नहीं ,क्या अपने भाई को हमें रोज यह कहने की जरुरत महसूस होती है की तू मेरा भाई है नहीं ना , वो universal truth है की वो मेरा भाई है। कहने के क्या जरुरत है।
उसी तरह हिन्दू और मुस्लिम अलग है ही नहीं, एक ही अल्लाह और भगवान के बनाए हुए इंसान है जिसे इस धरती पर रहने का पूरा हक़ है। अलग़ है ही नहीं तो फिर भेद -भाव क्यों ?
मुझे फिर एक line याद आती है ना तू हिन्दू बनेगा ,ना तू मुसलमान बनेगा ,इंसान की ओलाद है इंसान बनेगा।
पहले इंसान बन जाओ ,फिर यह सारी दूरिया अपने आप मिट जायेंगी। आपस में अपने आप इतना प्यार बढ़ जायेगा। की, फिर मुस्लमान को यह कहने की नौबत नहीं आएगी कि ,मेरे नाम में खान है इसलिए मेरे साथ दुर्व्यवहार किया जाता है ,और जहाँ चार हिन्दू बैठते है वहाँ मुसलमानो की बुराइया करते है।
और में अपने मुसलमान भाइयो से भी एक बात निवेदन करना चाहूंगी। सिर्फ चंद लोग जो सियासी रोटिया सकते है। या कुछ संकुचित सोच वाले व्यक्ति को छोड़कर ,पूरा हिन्दू समाज आपसे उतनी ही मोहबत करता है। की जितनी की आप
अगर ऐसा न होता तो , तमाम ऐसे लोग जिन्होंने नाम कमाया है चाहे वो हमारे पूर्व राष्ट्रपति A.P . J अब्दुल कलाम हो ,या शारुख खान हो , हमारी मोहबत भी, इन लोगो के साथ उतनी ही है जितनी की आप कि, हम सब भी उतना ही प्यार ,करते है जितना की आप।
एकता में शक्ति है ,एकता में संग़ठन है और इस एकता के बल बूते भारत को नयी उचाईयो पर लेकर जाइये। जो आप लोगो के बिना संभव ना हो सकेगा। हम जब साथ है तो भारत ,भारत है।
जय हिन्द
जय भारत
मंगलवार, 11 अगस्त 2015
SUNDAR SE KAVITA
Haii friends आज के blog में एक छोटी सी,सुन्दर सी कविता ,उम्मीद है इसे भी आप तेह दिल से पसंद करेंगे। कविता का शिर्षक है सुन्दर सी कविता।
मुझ पर तो किसी और कि खुमारी चढ़ी रहती है ,में क्या लिखूंगी कविता
लिखना भी चाहूंगी ,तो लिख नहीं पाऊँगी ,क्योकि मुझे तुम्हारी याद से ही फुरसत कहा ,
कुछ देर तुम्हे भुलु तो ?,कुछ लिख भी पाउ , पर ऐसा होता नहीं, कुछ देर ,तुम्हे भुलु
और लिख सकु में कविता ,
अब बताओ ,क्या इलाज़ है इस मर्ज़ का ,जो तुम्हे भुला जाऊ में कुछ देर ,
और लिख पाऊ एक सुन्दर से कविता ,एक सुन्दर सी कविता।
शनिवार, 1 अगस्त 2015
SAHI DISHA
Hai friends आज फिर मै कोशिश कर रही हुँ। दिल से कुछ लिखने की। और यह सोच रही हुँ कि आखिर मैंने लिखना क्यों शरू किया , ना तो मैं ,बहुत अच्छी कवि, और ना ही कोई साहित्यकार, काफी सोचने के बाद मुझे यह समझ में आया, शायद इसलिए , कि जो कुछ भी मैने इस समाज से लिया, और सीखा ,अगर उसका धूल भर भी , में शायद अपने लेखन के जरिये लौटा सकु तो शायद इसे अच्छी किस्मत नहीं होगी मेरी।
हम ज़िन्दगी भर यही चाहते है बस हमें मिलता रहे। देना ना पड़े। कितनी बार हम सच में बैठकर यह सोचते है कि जिस समाज से और जिस ईश्वर ने हमें हमारी जरुरतो से भी ज्यादा हमें दिया। उसे वापिस क्या दिया हमने, सिर्फ ज़िन्दगी भर शिकायत।
दोस्तों इस शिकायत को पीछे छोड़ हमें देखना होगा जो हमें जो मिला वो किसी से कम नहीं, और हम फिर भी शिकायत करते रहे। आप देखिये आपने जन्म लिया, भगवान ने दो हाथ दिए कर्म करने के लिए ,दो आँखे दी इस जहाँ को देखने के लिये, एक प्यारा सा दिल दिया मोहबत करने के लिए , बुद्धि दी सही और गलत को समझने के लिए,और भी शायद इतना कुछ ,की लिखने लगी तो शब्दों में वर्णन करना मुश्किल हो जायेगा। इतनी रहमत दी उसने और हम शिकायत करते रहे। माँ बाप दिए घर- बार दिया। और इसमें से यदि किसी को कुछ कम मिला भी तो ,उसे किसी और रूप में, ईश्वर ने अधिक शक्ति और प्रेरणा दी। और उसकी कृपा बरसती रही।
आप खुद सोचिये यदि किसी बच्चे के माँ बाप अपनी तरफ से हर संभव wish बच्चे की पुरी करे जो वो कर सकते हो। और वो बच्चा सिर्फ शिकायत ही करता रहे तो माँ बाप को कैसा लगेगा। उसी तरह हम सब उस ईश्वर की संतान है जिससे हम सिर्फ शिकायत ही करते है अपनों को दुसरो से compare करके। कभी उसका धन्यवाद नहीं देते।
हमारी हर जरुरत से ज्यादा दिया उस प्रभु ने, फिर भी हम शिकायत करते रहे। कि प्रभु आपने हमें यह नहीं दिया, और वो नहीं दिया। यह सिर्फ एक देखने का नजरिया है जिस दिन आपने यह देखना शरू कर दिया ,की आपको प्रभु ने क्या दिया ,बजाय यह देखने कि क्या नहीं दिया ,उस दिन यह शिकायते अपने आप खत्म हो जायेंगी। और आप निस्वार्थ भाव से समाज सेवा कि तरफ अपने आप को समर्पित करते चले जायेंगे बस कुछ नजरो का फर्क है जिसे सही दिशा में रखना जरूरी है
धन्यवाद
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