गुरुवार, 13 अगस्त 2015

EK KHAT HINDU MUSLMAAN EKTA KE NAAM

haii friends में आज फिर अपना एक ब्लॉग लिखने जा रही हुँ ,जो हिन्दू मुसलमान एकता के बारे में है मुझे समझ में नहीं आता क्यों लड़ते रहते है हम? आपस में, वो भी ऐसी छोटी- छोटी बातो के लिए जिसका  कोई वजूद नहीं है। मुझे बहुत दुःख होता है जब कोई हिन्दू भाई, मुसलमानो की बुराई करता है। क्यों करता है मेरी समझ से परे है मेरी आत्मा पेरशान हो उठती है जब कोई कहता है मुसलमानो को पाकिस्तान भेज देना चाहिए। क्यों भी ?उनका भी इस मुल्क पर उतना ही हक़ है जितना की हमारा, हमारे देश पर। 

      हमारा देश एक धर्म निरपेक्ष देश है। उस देश में आखिर ऐसी प्रतिक्रिया ही क्यों ?क्यों हम हर धर्म के लोगो को स्वीकार नहीं कर पाते। 

          एकता में अनेकता ,और अनेकता में एकता ,यही तो हमारी U.S.P है कब हम समझेंगे के जिस देश पर जितना हक़ हमारा है उतना ही हक़ हर धर्म के शख्स का है कोई भी शख्स पहले भारत वासी है बाद में कुछ और।  

             बहुत कुछ दिया है मुसलमानो ने इस देश को ,तीन महान Actor आज के दौर के ,जिनकी शायद ही कोई Picture flop होती हो। सलमानखान ,शाहरुख खान, और आमिर खान।  मुझे  समझ में नहीं आता क्या इन लोगो की picture सिर्फ मुसलमान भाई देखने जाते है ?नहीं ना, हर वो शख्स इनकी picture देखने जाता है जो इनके Talent से और इनकी मेहनत से प्यार करता है फिर क्यों कुछ लोग लड़तै है और कहा यह सोच पनपती है की किसी के खान होने से उसके साथ भेदभाव किया जायेगा। 

              मैने एक बहुत  अच्छी line पढ़ी थी। की हिन्दू मुस्लिम भाई -भाई  ,पर हम कहते तो है पर मानते नहीं है ,  मानते होते तो कहते नहीं ,क्या अपने भाई को हमें रोज यह कहने की जरुरत महसूस होती है की तू मेरा भाई है नहीं  ना , वो universal truth है की वो मेरा भाई है। कहने के क्या जरुरत है। 

            उसी तरह हिन्दू और मुस्लिम अलग है ही नहीं, एक ही अल्लाह और भगवान के बनाए  हुए इंसान है जिसे इस धरती पर रहने का पूरा हक़ है। अलग़ है ही नहीं तो फिर भेद -भाव क्यों ?

                 मुझे फिर एक line याद आती है ना तू हिन्दू बनेगा ,ना तू मुसलमान बनेगा ,इंसान की ओलाद है इंसान बनेगा। 

             पहले इंसान बन जाओ ,फिर यह सारी  दूरिया अपने आप मिट जायेंगी।  आपस में अपने आप इतना प्यार बढ़ जायेगा। की, फिर मुस्लमान को यह कहने की नौबत नहीं आएगी कि ,मेरे नाम में खान है इसलिए मेरे साथ दुर्व्यवहार किया जाता है ,और जहाँ चार हिन्दू बैठते है वहाँ मुसलमानो की बुराइया करते है। 

   और में अपने मुसलमान भाइयो से भी एक बात निवेदन करना चाहूंगी। सिर्फ चंद लोग जो सियासी रोटिया सकते है। या कुछ संकुचित सोच वाले व्यक्ति को छोड़कर ,पूरा हिन्दू समाज आपसे उतनी ही मोहबत करता  है। की जितनी की आप 

                 अगर ऐसा न होता तो , तमाम ऐसे लोग जिन्होंने नाम कमाया है चाहे वो हमारे पूर्व राष्ट्रपति A.P . J अब्दुल कलाम हो ,या शारुख खान हो , हमारी मोहबत भी, इन लोगो के साथ उतनी ही है जितनी की आप कि, हम सब भी उतना ही प्यार ,करते है जितना की आप। 

                     एकता में शक्ति है ,एकता में संग़ठन है और इस एकता के बल बूते भारत को नयी उचाईयो पर लेकर जाइये। जो आप लोगो के बिना संभव ना हो सकेगा। हम जब साथ है तो भारत ,भारत है। 

                                        जय हिन्द 

                                                              जय भारत 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें